पृथ्वी का कोर उल्टी दिशा में घूमना: एक रोचक अध्ययन
पृथ्वी का कोर हमारे ग्रह का सबसे गर्म हिस्सा है, जो सूर्य के सतह के तापमान के बराबर होता है। यह कोर पृथ्वी की सतह से लगभग 5,180 किलोमीटर गहराई में स्थित है और मुख्य रूप से लोहे और निकेल से बना है। हाल के शोध से पता चला है कि पृथ्वी के कोर की घूर्णन गति धीमी हो गई है और यहाँ तक कि उल्टी दिशा में घूमने लगी है। इस ब्लॉग में हम इस विषय को सरल हिंदी में समझेंगे और इस रहस्य का पता लगाएंगे कि पृथ्वी का कोर उल्टी दिशा में क्यों घूम रहा है।
पृथ्वी के आंतरिक भाग की संरचना
पृथ्वी के आंतरिक भाग को तीन मुख्य परतों में विभाजित किया जा सकता है: पपड़ी (crust), मेंटल (mantle), और कोर (core)। कोर को भी दो भागों में विभाजित किया जा सकता है: बाहरी तरल धातु कोर और आंतरिक ठोस धातु कोर। बाहरी कोर एक बाधा की तरह काम करता है, जिससे आंतरिक कोर स्वतंत्र रूप से घूम सकता है और इसे पूरे ग्रह के साथ संरेखित होने की आवश्यकता नहीं होती है।
कोर की घूर्णन गति की खोज
डेनिश भूकंप वैज्ञानिक इंगे लेहमान ने 1936 में पृथ्वी के आंतरिक कोर की खोज की थी। तब से, वैज्ञानिक इसके घूर्णन की गति और दिशा पर लगातार बहस करते आ रहे हैं। वैज्ञानिकों के पास पृथ्वी के गहरे आंतरिक भाग का प्रत्यक्ष नमूना लेने की कोई क्षमता नहीं है, इसलिए अधिकांश शोध और अध्ययन वेव्स के अंतर पर आधारित होते हैं जो अलग-अलग समय पर कोर के माध्यम से गुजरती हैं।
नवीनतम शोध: घूर्णन गति की धीमी होती रफ्तार
जून 2023 में नेचर जर्नल में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार, पृथ्वी के ठोस आंतरिक कोर की घूर्णन गति पिछले कुछ वर्षों में सतह की तुलना में लगातार धीमी होती जा रही है। सीएनएन के अनुसार, यह शोध न केवल पृथ्वी के धीमा होने की पुष्टि करता है, बल्कि वैज्ञानिकों के उस दावे का भी समर्थन करता है जो 2023 में किया गया था कि कोर की धीमी गति दशकों पुराने धीमे होने और तेज होने के पैटर्न का हिस्सा है।
कोर की उल्टी दिशा में घूर्णन: कारण और परिणाम
2023 में प्रस्तावित मॉडल के अनुसार, पृथ्वी के आंतरिक कोर ने अतीत में पृथ्वी की पपड़ी से तेज घूमी थी, लेकिन अब यह धीमी हो गई है। कुछ समय के लिए, कोर और पृथ्वी की घूर्णन गति समान रही। बाद में, पृथ्वी के कोर की घूर्णन गति और भी धीमी हो गई, यहाँ तक कि उल्टी दिशा में घूमने लगी।
पृथ्वी के कोर का उल्टी दिशा में घूमना कई कारकों पर निर्भर हो सकता है, जैसे कि कोर और मेंटल के बीच की परस्पर क्रियाएं, तापमान और दाब में परिवर्तन, और पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में परिवर्तन। हालांकि, इस प्रक्रिया का पृथ्वी की सतह पर कोई तात्कालिक प्रभाव नहीं दिखाई देता, लेकिन यह वैज्ञानिकों के लिए एक महत्वपूर्ण रहस्य बना हुआ है।
वैज्ञानिकों की भविष्य की योजनाएँ
वैज्ञानिक इस अद्वितीय घटना को और गहराई से समझने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। वे अधिक सटीक डेटा प्राप्त करने और पृथ्वी के आंतरिक भाग की संरचना और गतिशीलता को बेहतर ढंग से समझने के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं।
आने वाले वर्षों में, वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि वे पृथ्वी के कोर की गति और दिशा में हो रहे परिवर्तनों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे और इससे जुड़े रहस्यों को सुलझा सकेंगे।